नैनीताल।उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने बीते बुधवार को कृषि विभाग में उपनल के माध्यम से कार्यरत सहायक लेखाकारों को हटाए जाने के आदेश को रद्द करने के मामले पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने हटाए गए कर्मचारियों को कार्य पर बहाल करने के निर्देश देते हुए कहा है कि जब तक सरकार की सर्वोच्च न्यायलय में लंबित बिसेष अपील, राज्य सरकार बनाम किशन सिंह में कोई अंतिम निर्णय नही आ जाता उनकी सेवा बहाल की जाय। मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त की तिथि नियत की है।
मामले के अनुसार उपनल के माध्यम से सहायक लेखाकार के पद पर कार्यरत अजय कनवाल व 19 अन्य ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से सहायक लेखाकार के पदों हेतु विज्ञप्ति जारी की । लेकिन इन भर्तियों में उन्हें कोई प्राथमिकता नहीं दी गई । जबकि उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए थी । लेकिन एकलपीठ ने उन्हें कोई फौरी राहत नहीं दी । इसी बीच उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने विज्ञप्ति को निरस्त कर दिया था और लोक सेवा आयोग के माध्यम से इन पदों के लिये विज्ञप्ति जारी हुई । साथ ही 27 फरवरी 2024 को उनकी सेवा समाप्त कर दी गई ।
एकलपीठ के आदेश को अजय कनवाल व अन्य ने बिसेष अपील दायर कर खंडपीठ में चुनौती दी। बिसेष अपील में कहा गया कि कुंदन सिंह बनाम राज्य सरकार में उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा उपनल के माध्यम से कार्य कर रहे कार्मिकों के नियमितीकरण का आदेश दिया है और जिस पर राज्य सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने स्थगनादेश दिया है। याचिका में कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट से स्टे होने के बाद भी उनकी सेवा क्यों समाप्त की गई । जिसके बाद खंडपीठ ने सरकार ने इन कार्मिकों के बहाली के आदेश किये हैं ।