गोल्ड मेडलिस्ट छात्रा की पहली पसंद शिक्षक और न्यायिक अधिकारी बनना

– कुमाऊं विवि के 19 वे दीक्षांत समारोह में 100 से अधिक छात्राएं

नैनीताल। कुमाऊं विवि का 19 वां दीक्षांत समारोह धूमधाम के साथ मनाया गया। दीक्षांत समारोह में बेटियों का जलवा छाया रहा स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं व में 57 छात्राओं और 12 छात्रों को मेडल मिले। अधिकाश स्वर्ण पदक विजेता अब शिक्षक बन कर देश और प्रदेश की सेवा करना चाहती है तो कुछ सेना में भर्ती होकर बेटो के साथ कन्धे से कन्धा मिलकर चलना चाहती है।सोमवार को डीएसबी परिसर के एएन सिंह सभागार में 19 व दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ। समारोह में मुख्य अतिथि कुलाधिपति व राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (रि ),उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत, कुलपति प्रो दीवान सिंह रावत ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विद्यार्थियों, शोधार्थियों के नाम बधाई संदेश सुनाएं।

जिसमें बाद राज्यपाल व कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल (रि ) गुरमीत सिंह, शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत व कुलपति, कुलसचिव ने छात्र-छात्राओं को मेडल और प्रमाण पत्र वितरित किए।समाहरोह में 201 शोधार्थियों और 19 हजार 570 छात्र छात्रों को उपाधि वितरित करी। इस दौरान छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि कुमाऊं विवि नवाचारों, अनुसंधान और समाजोपयोगी पहलों के कारण भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुका है। सरकार भी शिक्षकों और छात्रों को अनुसंधान के लिए आंतरिक शोध वित्त पोषण के तहत योग्य  शिक्षकों को शोध कार्य हेतु आर्थिक सहायता, छात्रों में शिक्षकों को उनके नवाचारों को पेटेंट कराने में सहायता प्रदान करने के लिए पेटेंट सेल की स्थापना, सेमिनार वित्त पोषण के तहत राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय सेमिनार में भाग लेने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।

समारोह में शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा आज 21 वीं सदी के अनुरुप हमारी शिक्षा व्यवस्था और विकसित भारत को बनाने के महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा हैं। शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पीएम उषा के अंतर्गत कुमाऊं विवि को मल्टी डिसीप्लीनरी एजुकेशन एवं रिसर्च यूनिवर्सिटीज (मेरु) के रुप में 100 करोड़ का अनुदान प्राप्त हुआ है। जो विवि के लिए नहीं बल्कि राज्य के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है। राज्य की संस्कृति-विरासत को संजोए रखने के लिए प्राइमरी स्कूलों में कुमाऊंनी-गढ़वाली, जौनसारी आदि ऐसी बोलियां भी पठन पाठन में लागू की गई है। जिससे पहाड़ी भाषा-बोलियों का संरक्षण भी किया जा सके।

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-यूजीसी पूर्व निदेशक डॉ डीपी सिंह और रंग कर्मी ललित तिवारी को मानद उपाधि से किया सम्मानित

कला-रंगमंच के क्षेत्र में राज्य का नाम राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित करने वाले महाभारत टीवी सीरियल में संजय का अभिनय करने वाले अभिनेता ललित तिवारी को डी-लिट और  शिक्षा शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रोफेसर डीपी सिंह को डीएससी मानद उपाधि से विभूषित किया गया।

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एमएससी में स्वर्ण पदक पाने वाली छात्रा आयुषी राय का कहना है उन्हें बचपन से ही शिक्षक बनने का शौक था और खेलों में भी शिक्षिका बनती थी। अब अपने बचपन के सपने को साकार करने का समय आया है। वो पीएचडी करने के बाद शिक्षिका बनना चाहती है।

बी एड में स्वर्ण पदक जीतने के बाद छात्रा पूनम सुयाल बताती है की उनकी मेहनत आज रंग लाई है। उनका सपना शिक्षा अधिकारी बनने का है। उनकी सफलता के पिछे माता पिता और गुरुजनों के साथ साथ कालेज का है। पूनम ने बताया गरीब परिवार से होने के बावजूद भी उनके परिजनों ने कभी पढ़ाई में रुकावट नहीं आने दी। अब उनका सपना शिक्षक बनने का है ताकि गरीब तबके के बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे सके।

संस्कृत में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले दीपक पाठक बताते हैं उनकी सफलता का श्रेय उनकी शिक्षकों को जाता है। उनके शिक्षकों की मेहनत के बदौलत आज उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ है दीपक ने बताया वह अपनी संस्कृति को बचाने संस्कृति को देश-विदेश तक पहुंचाने। भारतीय संस्कृति के तहत कर्मकांड को विश्व के हर देश हर शहर तक पहुंचाने और भारतीय धर्म का प्रचार, धार्मिकता की भावना को बढ़ाने और लोगों में सकारात्मक सोच जागृत किया जाने के लिए कार्य करेंगे।

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