बिजली विभाग के अधिकारियों पर मेहरबान सरकार, लाखों के बिल के एवज में लिए मात्र 400 रुपए बिजली का बिल।
प्रदेश में बिजली विभाग में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों से बिजली का बिल बाजार भाव से कम लेने के मामले पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को 10 दिन के भीतर शपथ पत्र पेश करने के आदेश दिए हैं, पिछली सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पावर कॉरपोरेशन समेत राज्य सरकार को मामले में जवाब पेश करने के आदेश दिए थे जिसके बाद आज पावर कॉरपोरेशन समेत राज्य सरकार ने अपना जवाब कोर्ट में पेश किया,,
आज सुनवाई के दौरान पावर कारपोरेशन द्वारा विस्तृत जवाब पेश करने के बजाय शार्ट शपथपत्र पेश किया गया जिसमे कहा गया है कि जनहित याचिका में उठाये गए सभी बिंदु निराधार है,, जिसके जवाब में याचिकर्ता ने कहा कि उन्होंने जिन बिन्दुओ पर जनहित याचिका दायर की है वे आंकड़े उनको विभाग ने आरटीआई में दिए गए है,,
आपको बता दें कि देहरादून की आर टी आई क्लब ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार विद्युत विभाग में तैनात अधिकारियों से 1 महीने का बिल मात्र 400 से 500 रुपए ओर कर्मचारियों से 100 रुपए ले रही है जबकि इनका बिली लाखो में आता है, जिसका बोझ सीधे जनता पर पड़ रहा है,,वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रदेश में कई अधिकारियों के घर बिजली के मीटर तक नहीं लगे और जहा लगे हैं वो खराब स्थिति में हैं,, साथ ही याचिकाकर्ता ने आज कोर्ट में करीब 300 से अधिक ऐसे अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट कोर्ट में पेश करी जिनके घर मे आज तक बिजली के मीटर नहीं लगे हैं और जहां लगे हैं वह खराब स्थिति में पड़े हैं।
