ग्राम प्रधानों को जल्द से जल्द मुहैया कराएं बजट, ताकि सुधर सके क्वॉरेंटाइन सेंटरों की स्थिति,HC

उत्तराखंड के बदहाल क्वॉरेंटाइन सेंटरों के मामले पर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया है कि सरकार प्रदेश के सभी ग्राम प्रधानों को DM के माध्यम से जल्द से जल्द बजट मुहैया कराएं ताकि ग्राम प्रधान अपने क्षेत्र के क्वॉरेंटाइन सेंटरों में बेहतर सुविधाएं प्रवासियों को मुहैया करवा सकें,, वहीं कोर्ट ने साफ कहा है कि प्रवासियों के साथ किसी भी स्थिति में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी,,, मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि जो 11 हजार कोरोना टेस्टिंग किट सरकार के पास आए थे उनमें से कितने कीटो की रिपोर्ट आ चुकी है और कितने किट प्रयोग होने हैं, वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि जिला विधिक प्राधिकरण की रिपोर्ट में जो कमियां आई थी उन सभी कमियों को 14 दिन के भीतर दूर कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे। वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिए हैं कि सरकार के द्वारा प्रदेश के जिन 604 होटलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर के लिए अधिकृत किया है उन वोटरों को सरकार पैसा ना दे।आपको बता दें कि हाईकोर्ट के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार के द्वारा उत्तराखंड के 6 जिला अस्पताल को covid अस्पताल के रूप में स्थापित करा है मगर इन अस्पतालों में कोई भी आधारभूत सुविधा नहीं है वही देहरादून निवासी सच्चितानंद डबराल ने उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने को लेकर जनहित याचिका दायर की थी और इन दोनों याचिकाओं का हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है।